यमुना : मैं नदी नहीं हूं!


यमुना नदी का उद्गम यमुनोत्री से हुआ है। यमुनोत्री उत्तरांचल में स्थित है। इस नदी को कालिंदी भी कहा जाता है क्योंकि यह कलिंद नामक पर्वत से निकलती है। गंगा के समानांतर बहते हुए यह नदी प्रयाग में गंगा में मिल जाती है। प्रयाग में यमुना नदी का काला पानी गंगा में मिलते हुए साफ दिखाई देता है। शास्त्रों के अनुसार यमुना सरस्वती नदी की सहायक नदी रही है। जो बाद में गंगा में मिलने लगी। गंगा ज्ञान की प्रतीक है और यमुना भक्तिरस की धारा है। कृष्ण रंग में रंगी यमुना का जल प्रेम की गहनता लिए श्रीकृष्ण के श्याम वर्ण (काला) के समान ही दिखाई देता है लेकिन यमुना नदी अब संकट से गुजर रही है। पानी काला हो गया है, वातावरण में भी ताजगी नहीं रही। यमुना के दर्द को संजोए रवीश कुमार की खास रिपोर्ट...
 

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